Posts

Showing posts with the label HINDI AYUR

इलायची में हैं अद्भुत फायदे, सेवन से होगा कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित

Image
इलायची में हैं अद्भुत फायदे, सेवन से होगा कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित इलायची को ज्यादातर लोग चाय में डालने में उपयोग करते है। लेकिन इसका उपयोग वज़न घटाने में भी किया जा सकता है। हाल ही में एक रिसर्च में यह पता चला है कि इलायची खाने से वजन बहुत कम होता है। इलायची के फायदे के बारे में आयुर्वेद में भी बहुत कुछ लिखा गया है। इसके अनुसार हरी इलायची शरीर के पाचन तंत्र को साफ करने के अलावा शरीर की सूजन को कम करने और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम भी करता है। इलायची सिस्टोलिक और डायस्टोलिक को कम करने में बहुत सहायक होता है, इनसे ब्लड प्रेशर लेवल बहुत प्रभावित होता है।सर्च के अनुसार अगर इलायची के पाउडर का सेवन किया जाए तो पेट की चर्बी को बहुत हद तक कम किया जा सकता है और इसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते। अगर आपको पेट में गैस और सूजन की समस्या है तो आज ही से इलायची का सेवन अवश्य शुरु कर दें। इलायची को अगर आप चबाकर नहीं खा सकते तो इसे कॉफी या चाय में डाल कर अवश्य पी सकते हैं। इलायची के दानों को पीस कर पाउडर बना लें और उसे दूध या खाने में बखूबी प्रयोग करें। कीजिए मखाने का सेवन, होंगे ये चम...
दिल्ली के डॉक्टर ने खोजा प्रतिदिन 1 किलो वजन कम करने का आसान तरीका बिना किसी कसरत या परहेज के वजन कम करने का सबसे पहला-प्राकृतिक उपाय    हमें हमारे पाठकों द्वारा सैकड़ों ई-मेल आ रहे हैं जो इस नए तरीके का प्रयोग करके प्रतिदिन 1 किलो वजन कम कर रहे हैं। पहले तो हमने विश्वास नहीं किया और इसे नजर अंदाज करने का फैसला किया जैसा कि वजन कम करने के हर लुभाऊ तरीके को करते हैं, लेकिन इसके परिणाम बेहद आश्चर्यजनक थे तो हमने इसके बारे में पता लगाने और पूछताछ करने का फैसला लिया। हमारे बहुत से पाठकों ने 30 दिनों के अंदर कम से कम 28 किलो तक वजन कम किया है वो भी बिना किसी कसरत, दौड़-भाग, महंगे ऑपरेशन या अपने पसंदीदा खाने से दूर रहके! स्वास्थ्य रिपोर्ट ने यह निर्णय लिया कि जिस व्यक्ति ने इस क्रांतिकारी उपाय का अविष्कार किया उसका पता लगाएं और उनके इस आविष्कार करने की कहानी के बारे में जानें। जाने माने जैव-चिकित्सक डॉक्टर सिद्धार्थ कुमैल को इस उपाय को खोजने का और वजन घटाने के उद्योग-धंधों के सालों से छुपाये बड़े झूठ से पर्दा उठाने का श्रेय दिया जाता है। डॉ. सिद्धार्थ कुमैल ने इस क्रांतिकारी...

कब्ज का इलाज

बेल का गूदा - 100 ग्राम, सौंफ 100 ग्राम, इसबग़ोल की भूसी 100 ग्राम, छोटी इलायची 10 ग्राम । इन चारों का कूट पीसकर दरदरा चूर्ण बना लें । फिर उसमें 300 ग्राम देसी खाँड़ या बूरा मिलाकर किसी काँच की शीशी में सुरक्षित रख लें । दवा खाने की विधि - 10 ग्राम दवा सुबह नाश्ता के पहले ताजा पानी के साथ लें और शाम को खाना खाने के बाद 10 ग्राम दवा गुनगुने जल के साथ या दूध के साथ लें (यदि आवश्यकता समझे तो दोपहर को भी दवा खाना खाने के बाद ताजा जल से दवा खा सकते है) एक सप्ताह के बाद फायदा अवश्य होगा । करीब 45 दिन दवा खाकर छोड़ दें। यह दवा पेट के मल को साफ करेगी और पुरानी आव या आंतों को सूजन (कोलाइटिस) जड़ से साफ कर देगी ।

खांसी के इलाज

अदरक का सूखा हुआ रूप सौंठ होता है। इस सौंठ को पीस कर पानी में खूब देर तक उबालें। जब एक चौथाई रह जाए तो इसका सेवन गुनगुना होने पर दिन में तीन बार करें। तुरंत फायदा होगा। काली मिर्च, हरड़े का चूर्ण, अडूसा तथा पिप्पली का काढ़ा बना कर दिन में दो बार लेने से खांसी दूर होती है। हींग, काली मिर्च और नागरमोथा को पीसकर गुड़ के साथ मिलाकर गोलियाँ बना लें। प्रतिदिन भोजन के बाद दो गोलियों का सेवन करें। खांसी दूर होगी। कफ खुलेगा। पानी में नमक, हल्द‍ी, लौंग और तुलसी पत्ते उबालें। इस पानी को छानकर रात को सोते समय गुनगुना पिएं। सुबह खांसी में असर दिखाई देगा। नियमित सेवन से 7 दिनों के अंदर खांसी का नामोनिशान नहीं रहेगा।

पेट में गैस

आज छोटी उम्र से ही व्यक्ति कई बीमारियों से ग्रस्त है। जैसे कब्ज़, गैस, कमर दर्द, त्वचा के रोग, रक्त चाप, दांत संबंधी रोग.... ये कुछ एसी बीमारियां हैं जिनसे दुनिया का लगभग हर दूसरा व्यक्ति हैरान-परेशान है। जिसे पेट की कोई भी समस्या न हो ऐसा व्यक्ति तो दिन के उजाले में भी ढूढना मुश्किल जान पड़ता है ! वास्तविकता यही है कि आधुनिक जीवनशैली पर चलने वाला हर एक व्यक्ति आज किसी न किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।  इन सामान्य दिखने वाली बेहद घातक बीमारियों से बचने के लिए आप के सामने प्रस्तुत हैं दादी माँ के कुछ नुस्खे जो कि 100 फीसदी कारगर तो हैं ही साथ ही इनका कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। आज हम देखेंगे कि पेट संबंधी प्रमुख समस्या गैस से निजात पाने के लिये हमारी अनुभवी दादी या नानी अपने किचन से क्या अचूक उपाय बताती है... 1. गैस की समस्या से निजात पाने के लिए काली मिर्च और नमक को पीस कर पानी के साथ लेने से लाभ होता है 2. मट्ठा, हींग, सोंठ, गुड आदि पाचन में बेहद सहायक चीजों का सेवन करने से यह बीमारी जड़ से चली जाती है । 3. एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू, थोड़ा सा ...

दांत दर्द

दांत दर्द के लिए कारगर उपचार 10 ग्राम बायविडंग और 10 ग्राम सफेद फिटकरी थोड़ी कूटकर तीन किलो पानी में उबालें। एक किलो बचा रहने पर छानकर बोतल में भरकर रख लें। तेज दर्द में सुबह तथा रात को इस पानी से कुल्ला करने से दो दिन में ही आराम आ जाता है। कुछ अधिक दिन कुल्ला करने से दाँत पत्थर की तरह मजबूत हो जाते हैं। अमरूद के पत्ते के काढ़े से कुल्ला करने से दांत और दाढ़ की भयानक टीस और दर्द दूर हो जाता है। प्रायः दाढ़ में कीड़ा लगने पर असहय दर्द उठता है। काढ़ा तैयार करने के लिए पतीले में पानी डालकर उसमें अंदाज से अमरूद के पत्ते डालकर इतना उबालें कि पत्तों का सारा रस उस पानी में मिल जाए और वह पानी उबाले हुए दूध की तरह गाढ़ा हो जाए। दांत-दाढ़ दर्द में अदरक का टुकड़ा कुचलकर दर्द वाले दांत के खोखले भाग में रखकर मुंह बंद कर लें और धीरे-धीरे रस चूसते रहें। फौरन राहत महसूस होगी।

कमर दर्द

आज कम उम्र से ही व्यक्ति कई बीमारियों से घिर जाता है। जैसे कब्ज़, गैस, कमर दर्द, त्वचा के रोग, रक्त चाप, दांत संबंधी रोग.... ये कुछ एसी बीमारियां हैं जिनसे दुनिया का लगभग हर दूसरा व्यक्ति हैरान-परेशान है। जिसे पेट की कोई भी समस्या न हो ऐसा व्यक्ति तो दिन के उजाले में भी ढंूढना मुश्किल जान पड़ता है। वास्तविकता यही है कि आधुनिक जीवनशैली पर चलने वाला हर एक व्यक्ति आज किसी न किसी शारीरिक या मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।  इन सामान्य दिखने वाली बेहद घातक बीमारियों से बचने के लिए आप के सामने प्रस्तुत हैं दादी माँ के कुछ नुस्खे जो कि 100 फीसदी कारगर तो हैं ही साथ ही इनका कोई भी साइड इफेक्ट भी नहीं होता है। आज हम जानेंगे एक बेहद कॉमन और बेरहम बीमारी कमर दर्द  के बारे में। देखते हैं कि कमरदर्द से निजात पाने के लिये हमारी अनुभवी दादी अपने अनुभवों के कीमती खजाने से क्या अचूक उपाय बताती है... कमर दर्द 1. अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है। ...

नपुंसकता

जो व्यक्ति यौन संबन्ध नहीं बना पाता या जल्द ही शिथिल हो जाता है वह नपुंसकता का रोगी होता है। इसका सम्बंध सीधे जननेन्द्रिय से होता है। इस रोग में रोगी अपनी यह परेशानी किसी दूसरे को नहीं बता पाता या सही उपचार नहीं करा पाता मगर जब वह पत्नी को संभोग के दौरान पूरी सन्तुष्टि नहीं दे पाता तो रोगी की पत्नी को पता चल ही जाता है कि वह नंपुसकता के शिकार हैं। इससे पति-पत्नी के बीच में लड़ाई-झगड़े होते हैं और कई तरह के पारिवारिक मन मुटाव हो जाते हैं बात यहां तक भी बढ़ जाती है कि आखिरी में उन्हें अलग होना पड़ता है। कुछ लोग शारीरिक रूप से नपुंसक नहीं होते, लेकिन कुछ प्रचलित अंधविश्वासों के चक्कर में फसकर, सेक्स के शिकार होकर मानसिक रूप से नपुंसक हो जाते हैं मानसिक नपुंसकता के रोगी अपनी पत्नी के पास जाने से डर जाते हैं। सहवास भी नहीं कर पाते और मानसिक स्थिति बिगड़ जाती है। कारण : नपुंसकता के दो कारण होते हैं- शारीरिक और मानसिक। चिन्ता और तनाव से ज्यादा घिरे रहने से मानसिक रोग होता है। नपुंसकता शरीर की कमजोरी के कारण होती है। ज्यादा मेहनत करने वाले व्यक्ति को जब पौष्टिक आहार नहीं मिल पाता तो कमज...

अस्थमा

अस्थमा और एलर्जी पीड़ितों के लिए यह माह थोड़ा खतरनाक होता है। क्योंकि बारिश के बाद सितंबर में धूल उड़ती है। बारिश के कीटाणुओं को फैलने-पनपने का मौका मिल जाता है। यूं भी वातावरणीय कारकों से फैल रही एलर्जी के कारण अस्थमा के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके साथ बदलती जीवनशैली और प्रदूषण के कारण भी अस्थमा और एलर्जी के मरीज बढ़ रहे हैं। कुछ आयुर्वेदिक औषधियां और घरेलू नुस्खे इसमें काफी राहत देते हैं। क्या होता है अस्थमा श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इकट्ठा होने, नलियों की पेशियों के सख्त हो जाने के कारण मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है। इसे ही अस्थमा कहते हैं। अस्थमा किसी भी उम्र में यहां तक कि नवजात शिशुओं में भी हो सकता है। अस्थमा : यह हैं लक्षण बार-बार होने वाली खांसी सांस लेते समय सीटी की आवाज छाती में जकड़न दम फूलना खांसी के साथ कफ न निकल पाना बेचैनी होना बचाव ही सर्वोत्तम उपाय धूल, मिट्टी, धुआं, प्रदूषण होने पर मुंह और नाक पर कपड़ा ढ़कें। सिगरेट के धुएं से भी बचें। ताजा पेन्ट, कीटनाशक, स्प्रे, अगरबत्ती, मच्छर भगाने की कॉइल का धुआं, खुशबूदार इत्र आदि से यथासंभव ब...

एसिडिटी

हमारे शरीर में तीन दोष हैं वात, पित्त और कफ। इनमें संतुलन रहता है तो शरीर सामान्य स्थिति में रहता है। जब शरीर की जठराग्नि में विकृति आ जाती है तो गैस या एसिडिटी की समस्या पैदा होती है। आयुर्वेद में एसिडिटी की कई स्थितियां हैं। इन्हें समझ लें तो इनका उपचार भी काफी आसान है उध्र्वग अधोग स्थिति: इसमें य्रूडम और अमाशय के बीच गैस बनती है। इस स्थिति में कफ का अनुबंध होता है, जिसमें मिचली आना, खट्टे डकार, छाती में जलन, भोजन में अरुचि आदि की समस्या महसूस होती है। यह उन लोगों को ज्यादा परेशान करती है, जो दूध से बनी चीजों, मीट-मछली आदि का ज्यादा सेवन करते हैं। ये वर्षा ऋतु है। इस मौसम में नई फसल से बना भोजन खाने से अम्ल की आशंका बढ़ जाती है। इस तरह के रोगी के गले में जलन होती है, वे बेचैन रहते हैं। इन्हें खट्टा डकार होता है। भोजन में अरुचि रहती है, उन्हें चकत्ते हो सकते हैं, बुखार भी हो सकता है। क्या करें: ऐसे लोगों को गिलोय के तने का दो चम्मच रस, आंवले का एक चम्मच रस, दोपहर में कागजी नींबू का शरबत, मिस्री के साथ मुनक्का मिलाकर खाने, नारियल का पानी पीने, रात में शहद के साथ छोटा चम्मच त्रिफ...

एलर्जी

" एलर्जी " एक आम शब्द , जिसका प्रयोग हम कभी ' किसी ख़ास व्यक्ति से मुझे एलर्जी है ' के रूप में करते हैं. ऐसे ही हमारा शरीर भी ख़ास रसायन उद्दीपकों के प्रति अपनी असहज प्रतिक्रया को ' एलर्जी ' के रूप में दर्शाता है. बारिश के बाद आयी धूप तो ऐसे रोगियों क़ी स्थिति को और भी दूभर कर देती है. ऐसे लोगों को अक्सर अपने चेहरे पर रूमाल लगाए देखा जा सकता है. क्या करें छींक के मारे बुरा हाल जो हो जाता है. हालांकि एलर्जी के कारणों को जानना कठिन होता है , परन्तु कुछ आयुर्वेदिक उपाय इसे दूर करने में कारगर हो सकते हैं. आप इन्हें अपनाएं और एलर्जी से निजात पाएं ! • नीम चढी गिलोय के डंठल को छोटे टुकड़ों में काटकर इसका रस हरिद्रा खंड चूर्ण के साथ 1.5 से तीन ग्राम नियमित प्रयोग पुरानी से पुरानी एलर्जी में रामबाण औषधि है. • गुनगुने निम्बू पानी का प्रातःकाल नियमित प्रयोग शरीर सें विटामिन - सी की मात्रा की पूर्ति कर एलर्जी के कारण होने वाले नजला - जुखाम जैसे लक्षणों को दूर करता है. • अदरख , काली मिर्च , तुलसी के चार पत्ते , लौंग एवं मिश्री को मिलाकर बनायी गयी ' हर्बल चाय...

सर दर्द से राहत के लिए

सर दर्द से राहत के लिए 1 . तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है . 2 . नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा . 3 . सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा . 4 . सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है . 5 . लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है . 6 . लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर 2, 3 बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा . 7 . चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा . 8 . हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा . 9 . सफ़ेद सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी .

मुंह में छाले

मुंह में  छाले   मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान-मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं। मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार– शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें। मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए। छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए। अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं। अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं